अपनों की चिंता में हर तरफ सिर्फ चीख-पुकार, पन्ना के गांवों में लोग बदहवास

अपनों की चिंता में हर तरफ सिर्फ चीख-पुकार, पन्ना के गांवों में लोग बदहवास

अपनों की चिंता में हर तरफ सिर्फ चीख-पुकार

अपनों की चिंता में हर तरफ सिर्फ चीख-पुकार, पन्ना के गांवों में लोग बदहवास

पन्ना। रजिस्ट्रेशन एवं बस के लिए हरिद्वार में तीन दिन तक रुकने के बाद रविवार की सुबह यात्रा की अनुमति मिली थी। पन्ना जिले के 69 श्रद्धालुओं का जत्था दो बस में सवार होकर सुबह 11 बजे 9 दिवसीय चारधाम यात्रा के लिए हरिद्वार से रवाना हुआ था। बस हरिद्वार से आगे बढ़ी तो सभी यात्री हिमालय की खूबसूरत वादियों में खो गए। उन्हें चारधाम यात्रा के पहले पड़ाव में शाम को यमुनोत्री धाम पहुंचना था। लेकिन, शाम लगभग पौने सात बजे बस खाई में गिरने से 26 यात्रियों की जिंदगी खत्म हो गई।

दहशत में आ गए दूसरी बस के यात्री

हादसे की जानकारी लगते ही पीछे दूसरी बस में सवार साथी यात्री दहशत में आ गए। रात लगभग 8 बजे हादसे की जानकारी पन्ना पहुंचते ही पूरे जिले में मातम छा गया। अपनों की कुशलक्षेम जानने के लिए श्रद्धालुओं के परिजन फोन लगाने लगे। बस हादसे में बचे तीन यात्रियों की बात अपने परिजनों से हुई तो उन्होंने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। जबकि अन्य यात्रियों के घरों में मातम पसरा रहा।

बस में फंसे घायल यात्री ने दी सूचना

श्रद्धालुओं के साथ दूसरी बस में यात्रा कर रहे वेदविहारी ने बताया कि उनकी बस चेकपोस्ट में जांच के लिए रुकने के कारण लगभग 10 मिनट पीछे चल रही थी। जब उनकी बस घटना स्थल के पास पहुंची तो वहां तीन चार बसें खड़ी थीं। उन बसों के यात्रियों ने बताया कि एक बस नीचे गिर गई है। हम लोगों ने बस से नीचे उतर कर देखा तो बस लगभग तीन सौ मीटर नीचे खाई में पड़ी थी। तब तक यह नहीं पता चला था कि यह हमारे लोगों वाली बस ही है। मैंने हादसे की आशंका के चलते आगे चल रही बस के यात्रियों को फोन लगाया, लेकिन उनका फोन नहीं उठ रहा था। जाम लगने की आशंका को देखते हुए हम लोग अपनी बस में सवार होकर आगे बढ़ गए, लेकिन मेरा मन आशंकित था। मैंने अपने बैग से डायरी निकाल कर कुछ और लोगों को फोन लगाया। उसमें से एक यात्री उदयभान जो शिक्षक थे उन्होंने फोन उठाया और घटना की जानकारी दी। घटना की जानकारी लगते ही हम लोग दहशत में आ गए। इसके बाद तीन किमी वापस घटना स्थल तक आए। अभी सभी लोग घटना स्थल के पास ही होटल में ठहरे हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य रात में भी लगातार जारी है।